Shayari
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एक दस्त-ए-चाँद-ओ-ख़्वाब, हर जवाँ दिल-ए-आशियाँ !
ख्वाइशें हर दिल मुख्तलिफ़, लाखों हैं छुपे हर निगाह-ए-अरमाँ !!
ना क़त्ल करो एक उम्र गुज़री, जोरते ख्वाइशें कतरा-कतरा !
दौलत, शोहरत, इश्क, मुहब्बत, और इक ख़ूबसूरत आशियाँ !!
जलती हर शाम-ए-महफ़िल-ओ-शम्मा, हर शब् निगाह-ए-ख़्वाब सजे !
हक़ीकत-ए-सहर जो हो रु-ब-रु, जज़्बात भी सब बस हुए फ़नाह !!
कुछ फ़र्क रहा इन्सां कभी, अब सांसों में निशाँ-ए-ज़िन्दगी काफ़ूर !
ख़्वाब-ओ-ख्वाहिशों के लहू में लिपटा, ऐ आतिश तू जाता कहाँ !!
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